शिक्षा नीति को बनाने से ज्यादा चुनौतिपूर्ण कार्य इसका क्रियान्वयन करना हैजिसमें अध्यापकों को अपनी अहम भूमिका निभानी होगी।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 202 में जो भी नए परिवर्तन हुये हैं उनको अध्यापक समझ करविद्यार्थियों व अभिभावकों को समझाने की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अध्यापकों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है जिसे पहले की ही तरहअध्यापकों को बखूबी निभाना है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में चाणक्य के वाक्य कि “शिक्षक कभी साधारण नहींहोता, उसकी गोद में प्रलय व निर्माण एक साथ पलते हैं” को उद्धृतकरते हुये कहा कि विद्यार्थी के जीवन में अध्यापक ही परिवर्तन ला सकता है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों को रोजगार व स्वरोजगार प्रदान करनेमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। शिक्षा नीति अपने सकारात्मक परिवर्तनों से भरपूर है तथा इसमें सुविधाएं और अवसर से परिपूर्णता का प्रावधान दिया गया हैं। इन सभी कोविद्यार्थियों तक पहुंचाने का कार्य अध्यापकों का है।वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिएअध्यापक के महत्व पर सर्वाधिक जोर देती है, जिसमें उल्लेख है कि प्रत्येकविद्यार्थी की विशिष्ट क्षमताओं की पहचान और उसके विकास के लिए अध्यापकों एवंअभिभावकों को इनकी क्षमताओं के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा, जिससे किविद्यार्थियों की अकादमिक और अन्य क्षमताओं का पूर्ण विकास हो सके। उच्चतर शिक्षाके अनुभवजन्य क्षेत्रों में प्रवेश की ऐसी अपार संभावनाओं के द्वार खुलसकते हैंजो व्यक्तियों और समुदायों को भी प्रतिकूल परिस्थितियों केकुचक्र से निकाल सकते है
शिक्षा नीति को बनाने से ज्यादा चुनौतिपूर्ण कार्य इसका क्रियान्वयन करना हैजिसमें अध्यापकों को अपनी अहम भूमिका निभानी होगी।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 202 में जो भी नए परिवर्तन हुये हैं उनको अध्यापक समझ करविद्यार्थियों व अभिभावकों को समझाने की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अध्यापकों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है जिसे पहले की ही तरहअध्यापकों को बखूबी निभाना है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में चाणक्य के वाक्य कि “शिक्षक कभी साधारण नहींहोता, उसकी गोद में प्रलय व निर्माण एक साथ पलते हैं” को उद्धृतकरते हुये कहा कि विद्यार्थी के जीवन में अध्यापक ही परिवर्तन ला सकता है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों को रोजगार व स्वरोजगार प्रदान करनेमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। शिक्षा नीति अपने सकारात्मक परिवर्तनों से भरपूर है तथा इसमें सुविधाएं और अवसर से परिपूर्णता का प्रावधान दिया गया हैं। इन सभी कोविद्यार्थियों तक पहुंचाने का कार्य अध्यापकों का है।वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिएअध्यापक के महत्व पर सर्वाधिक जोर देती है, जिसमें उल्लेख है कि प्रत्येकविद्यार्थी की विशिष्ट क्षमताओं की पहचान और उसके विकास के लिए अध्यापकों एवंअभिभावकों को इनकी क्षमताओं के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा, जिससे किविद्यार्थियों की अकादमिक और अन्य क्षमताओं का पूर्ण विकास हो सके। उच्चतर शिक्षाके अनुभवजन्य क्षेत्रों में प्रवेश की ऐसी अपार संभावनाओं के द्वार खुलसकते हैंजो व्यक्तियों और समुदायों को भी प्रतिकूल परिस्थितियों केकुचक्र से निकाल सकते है